Thursday, September 27, 2007

हैलो जिंदगी

हैलो जिंदगी कैसी हो तुम
इनदिनो कुछ उदास नजर आती हो
हर छोटी बड़ी बात पर रुठ जाती हो
जितना संवारूं उतनी बिखर जाती हो
जरा मुसीबत क्या आई कि तुम दूर हो गई
बस एक पल में पराई हो गई
याद करो कितना खिलखिलाती थीं तुम
मेरी हर बात पर खूब इतराती थीं तुम
हैलो जिंदगी कैसी हो तुम

शायद मेरी नाकामी से नाराज हो
मेरी वजह से परेशान, हताश हो
देखो, मैंने हार से नहीं मानी है हार
तुम्हें संवारने की कोशिश करती लगातार
अब मान भी जाऒ पहले की तरह संवर जाओ
मुस्कराओ, इठलाओ और खूब इतराओ
अब इतना भी न रुठो तुम
हैलो जिंदगी कैसी हो तुम

चलों फिर करें एक नई शुरुआत
बैठकर करें बातें हजार
कुछ तुम्हारी, कुछ हमारी, जानी अनजानी
मुझे मालूम है तुम थकती, थमती नहीं
कई बार तो मर कर भी जी उठती हो
वादा करो अब न होगी उदास तुम
हैलो जिंदगी कैसी हो तुम


मीना त्रिवेदी

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